अब शिक्षक के चखने के बाद के बाद एमडीएम खाएंगे छात्र

मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता परखने के लिए अब एक और नई पहल की गई है। इस पहल के आलोक में अब प्राथमिक तथा मध्य विद्यालयों में बनने वाले मध्याह्न भोजन को पहले एक शिक्षक तथा दो अभिभावक चखेंगे। शिक्षक और अभिभावक द्वारा एमडीएम की गुणवत्ता परखने के बाद ही छात्रों को एमडीएम खिलाया जाएगा। इस संबंध में सरकार से पत्र निर्गत होने के बाद इस व्यवस्था को लागू करने के लिए कवायद शुरू कर दी गयी है।

बताया जात है कि प्राथमिक तथा मध्य विद्यालयों में बनने वाले एमडीएम की गुणवत्ता पर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं। हालांकि एमडीएम की गुणवत्ता को लेकर सरकार ने कई बार पहल की। लेकिन फिर भी जब तब एमडीएम की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे। जिसे देखते हुए सरकार ने एमडीएम की गुणवत्ता परखने के लिए अब एक और नई पहल की है। इस नई पहल को लेकर सरकार ने दिशा निर्देश भी जारी कर दिया गया है। सरकार से इस संबंध में पत्र निर्गत होने के बाद प्रखंड क्षेत्र में इस पर अमल करने की कवायद शुरू कर दी गयी है। प्रखंड एमडीएम प्रभारी ने बताया कि अब प्राथमिक तथा मध्य विद्यालयों में एमडीएम बनने के बाद सबसे पहले विद्यालय के एक शिक्षक तथा दो ग्रामीण एमडीएम को खाएंगे। एमडीएम खाने के बाद अगर इसकी गुणवत्ता ठीक पाई गयी तब उसके बाद स्कूल के छात्र एमडीएम को खाएंगे। उन्होंने बताया कि निदेशक मध्याह्न भोजन योजना पटना के निर्देश के आलोक में विद्यालय के प्रधान शिक्षक एक माह के लिए रोस्टर बनाएंगे। जिसमें किसी तिथि को कौन शिक्षक तथा कौन से दो अभिभावक पहले एमडीएम खाएंगे, इसकी सूची बनायी जाएगी। इस सूची के आधार पर ही हर दिन विद्यालय में बनने वाले एमडीएम को सूची में दर्ज शिक्षक तथा दो अभिभावक पहले खाएंगे। उसके बाद छात्र छात्राओं को एमडीएम खिलाया जाएगा।

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