किसानों के अरमान पर मौसम की मार

कड़ाके की ठंड से परेशान किसानों के सामने एक अन्य समस्या खड़ी हो गयी है। धीरे-धीरे पाला की चपेट में आने से सब्जियों की पीली हो रहीं पत्तियों से भारी नुकसान की आशंका दिखने लगी है। पिछले कई दिनों से खिलकर धूप नहीं निकलने और कड़ाके की ठंड का असर अब फसलों पर देखा जाने लगा है। सब्जियों की फसलें खासकर आलू, गोभी, बैगन, टमाटर, मिर्च और पालक पर पाला का असर दिखने लगा है। पत्तियां पीली पड़ने लगी है और मुरझा कर गिरने भी लगी हैं। जगन्नाथा के किसान त्रिभुवन प्रसाद, भरोसी प्रसाद, कोन्हवां के चंद्रमा प्रसाद, रामसुरत प्रसाद, शुकुलवां निवासी अशोक सिंह, सुरेश प्रसाद, नगेश कुमार, नंदकिशोर सिंह ने बताया कि पाला लगने से आलू सहित अन्य सब्जियों के पौधों का विकास रुक गया है। पत्तियां पीली पड़ गयी है। किसानों के अनुसार अगर कुछ दिनों तक मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहा है तो सब्जी की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी। हालांकि किसान अपनी तरफ से फसलों को बचाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। किसान रामप्रीत सब्जी की फसल को पाला के बचने के लिए सिंचाई भी कर चुके हैं। लेकिन वे कहते हैं कि अगर मौसम ऐसा ही बना रहा तो कब तक सिंचाई कर फसल को बचाया जा सकता है।

खेतों में बनाएं रखें नमीं

कड़ाके की ठंड में किसानों को सतर्क रहने की सलाह कृषि वैज्ञानिक दे रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र सिपया के कृषि वैज्ञानिक कहते हैं कि कड़ाके की ठंड इंसान ही नहीं फसलों के लिए भी नुकसान दायक साबित हो सकता है। लगातार पड़ रही ठंड आलू, मक्का सहित काटे गए गन्ने और सब्जियों की खेती को भारी नुकसान पहुंचा सकती है। हालांकि यह मौसम गेहूं के लिए बढि़या है। जिन किसानों ने गेहूं की सिंचाई कर ली है, उनके लिए यह मौसम लाभदायक है। लेकिन इस मौसम में सब्जी की फसल को नुकसान होने की आशंका होती है। खेतों में नमी की कमी होने पर पाला का प्रभाव हो सकता है। इससे बचने के लिए किसान अपने खेतों की समय-समय पर सिंचाई करते रहें। खेतों में नमी रहने से पाला की संभावना कम रहती है।

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