गड़बड़ी की जांच को तीन सदस्यों की टीम गठित

भोरे प्रखंड के जगतौली पंचायत को उपलब्ध करायी गयी इंदिरा आवास योजना की राशि मुखिया पति व उप मुखिया के खाते में भेजे जाने के मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों की टीम गठित की गयी है। इसी बीच नवगठित टीम ने भोरे के बीडीओ ने पूरे पंचायत की इंदिरा आवास संचिका तलब किया है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पंचायत के कुल 146 लाभूकों लिए पिछले वित्तीय वर्ष में 73 लाख 50 हजार की राशि उपलब्ध करायी गयी थी। उपलब्ध करायी गयी राशि का गलत एडवाइस बनाकर उसे फर्जी तरीके से मुखिया पति के खाते में 71 लाख 50 हजार तथा उप मुखिया के खाते में दो लाख की राशि भेज दी गयी। मामले का खुलासा होने के बाद इसकी जांच शुरु की गयी। प्रथम दृष्टया जांच के बाद इस मामले में मुखिया पति व उप मुखिया के दोषी पाए जाने के बाद उप विकास आयुक्त जिउत सिंह ने इस प्रकरण की आगे की जांच के लिए तीन सदस्यों की कमेटी बनायी है। इस कमेटी में वरीय उप समाहर्ता धनन्जय कुमार के अलावा जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी रजनीश राय व डीआरडीए में तैनात लेखा पदाधिकारी आलोक कुमार को शामिल किया गया है। गठित टीम ने जांच प्रारंभ करते हुए इस गड़बड़ी के मामले में पूरे जगतौली पंचायत की इंदिरा आवास संचिका को तलब किया है। ज्ञातव्य है कि जांच के क्रम में इस बात का भी खुलासा हुआ कि जिन 146 लोगों को इंदिरा आवास के लिए चयनित किया गया उनमें से पांच पूर्व में ही मर चुके थे। जबकि चार व्यक्ति पूरे पंचायत में नहीं थे। अलावा इसके 21 ऐसे लोगों को भी इस सूची में शामिल किया गया था, जिन्हें पूर्व से ही पक्का मकान है।

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