अब खेतों में घुलेगी शहद की मिठास

खेतों में लहलहाती फसल के बीच अब शहद की मिठास भी घुलेगी। जिले में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने की कवायद तेज हो गयी है। इसके लिए लक्ष्य भी निर्धारित कर दिया गया है। किसानों का चयन करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है। मधुमक्खी पालने के लिए इन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा और साथ में अनुदान भी मिलेगा।

कृषि विभाग के अनुसार सरकार आधुनिक तरीके से खेती करने के साथ ही किसानों के लिए वैकल्पिक धंधा अपनाने की योजना चला रही है। इसी योजना के तहत मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने की कवायद शुरू की गयी है। उन्होंने बताया कि पहले चरण में आठ सौ बाक्स में मधुमक्खी पालन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए शहद तैयार करने वाली उन्नत नस्ल की मधुमक्खी के साथ बाक्स मंगा लिया गया है। चयनित एक-एक किसानों को दस-दस बाक्स दिये जाएंगे। जिस पर अनुदान भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित संस्था किसानों को प्रशिक्षण देगी। उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन को लेकर इस जिले के किसान काफी उत्साहित हैं। जिले का वातावरण भी मधुमक्खी पालन के लिहाज से काफी अच्छा है। लहलहाती फसलों के बीच मधुमक्खी पालने से किसानों को काफी फायदा भी मिलेगा। आगे चल कर जिले में मधुमक्खी पालन को और विस्तार दिया जाएगा।

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