इनकी सुस्ती से टूट रहा अपने घर का सपना

हरेक व्यक्ति का सपना होता है कि उनका अपना घर हो। इसके लिए सरकारी स्तर पर कई योजनाएं संचालित हैं। इन्हीं योजनाओं में शामिल है होम लोन की योजना। इस योजना के तहत लोग बैंक से ऋण प्राप्त कर अपने घर का निर्माण करते हैं। लेकिन यहां अपने घर का सपना बैंकों तक पहुंचते-पहुंचते टूट जाता है। आंकड़े गवाह हैं कि बैंकों की लापरवाही तथा मनमानी के कारण लोगों की उम्मीदें टूट रही हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष के आंकड़े इस बात की गवाही देने के लिए काफी हैं।

बैंकों की आंकड़ों को मानें तो पिछले तीन साल में किसी भी वर्ष होम लोन के लक्ष्य को शत प्रतिशत प्राप्त नहीं किया जा सका है। इस स्थिति के लिए बैंकों की लापरवाही काफी हद तक जिम्मेदार है। प्रशासनिक स्तर पर दबाव के बाद भी बैंक होम लोन देने में लगातार लापरवाही बरतते रहे हैं। यहीं कारण है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में भी अबतक लक्ष्य के विरुद्ध दस प्रतिशत लोगों को भी होम लोन नहीं मिल सका है। हद तो यह कि भारतीय स्टेट बैंक जैसे बड़े बैंकों ने भी होम लोन देने में लगातार सुस्ती बरती है। इस बैंक के आंकड़े बताते हैं कि इस साल लक्ष्य के विरुद्ध बैंक ने एक भी व्यक्ति को होम लोन नहीं दिया है।

होम लोन का लक्ष्य व उपलब्धि

बैंक का नाम लक्ष्य

स्टेट बैंक 173

सेंट्रल बैंक 132

केनारा बैंक 46

पीएनबी 40

यूको बैंक 06

बैंक आफ बड़ौदा 11

यूनियन बैंक 11

बैंक आफ इंडिया 48

इलाहाबाद बैंक 15

ओवरसीज बैंक 10

सिंडिकेट बैंक 09

यूनाइटेड बैंक 06

ओरिएंटल बैंक 09

विजया बैंक 06

ग्रामीण बैंक 138

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