धान की कटनी के साथ ही राहगीरों पर सामत आ गयी है। धान के बोझे की दवनी के लिए ग्रामीणों ने सड़कों को ही खलिहान बना दिया है। प्रखंड के हर ग्रामीण सड़कों पर बिछाये गए बोझे से फिसल कर अब तक दर्जनो बाइक सवार घायल भी हो चुके हैं और लोगों का गिरना भी जारी है। लेकिन न तो किसानों को राहगीरों को हो रही समस्या से कोई मतलब है और ना ही प्रशासन भी इस तरफ ध्यान दे रहा है।
प्रखंड का लाइन बाजार-थावे मुख्य पथ पर हो या उचकागांव-हरपुर सड़क या कोई अन्य पथ, यहां के किसी भी पथ पर चले जाइये हर तरफ पर सड़कों पर बिछाये गए धान के बोझे ही मिलेंगे। इन सड़कों के आसपास के किसानों ने बिना मेहनत किये ही धान का दवनी करने का तरीका खोज लिया है। किसान धान के डंठलों को सड़कों पर बिछा देते है कि इन पर गाड़िया गुजरेंगी और इन डंठलों से धान अलग हो जाएंगे। लेकिन यही धान के डंठल बाइक सवारों के लिए सामत बन गयी है। बाइक सवार डंठलों से फिसलकर आये दिन घायल हो रहे हैं। ऐसे ही डंठलों पर से गुजरते समय बाइक के फिसलने से प्रखंड के लाइन बाजार के विनोद कुमार दुर्घटनाग्रस्त हो गये। मांझा निवासी राजेश्वर प्रसाद भी धान के बोझे से फिसल कर घायल हो गए। वहीं मीरगंज के पंकज सिंह भी बोझे में फंस कर बाइक से गिर कर घायल हो गए। ऐसे में अब राहगीरों में आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है। डंठल से फिसल कर दुर्घटना के शिकार हो चुके लोग अब इसके खिलाफ आवाज भी उठाने लगे हैं। वे कहते हैं कि प्रशासन सड़क पर धान के डंठल बिछाये जाने को नजर अंदाज कर रहा है, जिससे आये दिन लोग दुर्घटना के शिकार होकर अपना हाथ-पैर तुड़वाने को विवश हो गए हैं।