फॉगिंग की पोल खोल रहे दिन में काटते मच्छर।

यहां मच्छर ही उन पर नियंत्रण करने के लिए चलाए गए अभियान की पोल खोल रहे हैं। डेंगू सहित मच्छर जनित अन्य बीमारियों का प्रकोप बढ़ने की सुगबुगाहट के बीच शहर में फागिंग अभियान चलाया गया था। पर, कुछ गिने चुने मोहल्ले में फागिंग कर इस अभियान को पूरा भी कर लिया गया। लाखों रुपये खर्च कर चलाए गए फागिंग अभियान के बाद अब रात तो रात दिन में भी मच्छर लोगों का खून चूस रहे हैं। मच्छरों का प्रकोप बढ़ते जाने से घर से लेकर बाहर तक लोगों का बैठना मुश्किल हो गया है। मच्छर जनित बीमारियों की चपेट में आये लोगों की संख्या भी सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में बढ़ने लगी है।

जिले में डेंगू के मरीज पाये जाने पर जिला प्रशासन ने मच्छरो पर नियंत्रण के लिए पहल की थी। नगर परिषद ने शहरी इलाके में मच्छरों पर नियंत्रण पाने के लिए फागिंग अभियान शुरू किया था। शहर के आफिसर कालोनी से इस अभियान की शुरुआत की गयी। फागिंग शुरू हुआ तो लोगों को लगा कि अब मच्छरो पर कुछ हद तक नियंत्रण पा लिया जाएगा। लेकिन इसी बीच कुछ मोहल्लों में फागिंग करा इस अभियान को पूरा कर लिया गया। अब आलम यह है कि रात तो रात दिन में ही काट रहे मच्छर लोगों की परेशानी का कारण बन गए हैं। मच्छरो का प्रकोप बढ़ने से दिन में भी लोग घरों से लेकर अपने प्रतिष्ठान व कार्यालयों में मच्छर भगाने के लिए क्वायल जलाने को मजबूर हो गए हैं।

मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप एक बार फिर से बढ़ने लगा है। मलेरिया से लेकर अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों की संख्या भी सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में बढ़ने लगी है। जिससे फागिंग अभियान पर लोग सवाल उठाने लगे हैं। इधर विभाग कागजों पर की गयी फागिंग का आंकड़ा दिखाकर अपनी पीठ थपथपा रहा है।

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