कुचायकोट थाना क्षेत्र के असंदी महुअवां गांव में हुई सुरेश भगत की हत्या के मामले में नामजद पांच आरोपितों को दोषी करार देते हुए अष्ठम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शोभाकांत मिश्रा के न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। आरोपितों के विरुद्ध न्यायालय ने 25-25 हजार रुपया जुर्माना भी लगाया है।
जानकारी के अनुसार कुचायकोट थाना क्षेत्र के असंदी महुआवां गांव में बरसात का जमा पानी निकाले जाने के विवाद में वर्ष 2014 में कुछ लोग इसी गांव के सुरेश भगत से उलझ गए। इसी बीच दूसरे पक्ष के लोगों ने सुरेश भगत की पीटकर हत्या कर दी गई। घटना को लेकर मृतक के परिवार के लोगों ने कुचायकोट थाने में कांड संख्या 218/2014 प्राथमिकी दर्ज कराई। जिसमें पांच लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया। इस आपराधिक मामले में पुलिस द्वारा आरोप दाखिल किए जाने के बाद सत्र न्यायालय में सुनवाई शुरू की गई। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आलोक में न्यायालय ने कांड में नामजद सभी पांच आरोपितों असंदी महुआवां गांव के ललन कुशवाहा, कमलेश्वर कुशवाहा, कन्हैया कुशवाहा, ढूनमुन कुशवाहा तथा मुनमुन कुशवाहा को दोषी करार देते हुए उन्हें सश्रम आजीवन कारावास तथा 25-25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। सजा सुनाए जाने के बाद सभी आरोपितों को सजा काटने के लिए जेल भेज दिया गया। इस मामले में सरकार की ओर से एपीपी संतोष कुमार तथा बचाव पक्ष से अली इमाम द्वितीय ने न्यायालय में अंतिम बहस किया।