Mon, 15 May 2017 03:08 AM (IST)
कुचायकोट थाना क्षेत्र के सिरिसिया गांव में कुछ दिन पूर्व एक महिला के साथ उसके घर में ग्रामीणों के हत्थे चढ़े एक दारोगा का मामला तूल पकड़ने लगा है। इस घटना के बाद कुछ ग्रामीणों पर प्राथमिकी दर्ज होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार को स्थानीय मुखिया की अध्यक्षता में बैठक कर महिला को दारोगा को अपने घर में बुलाने से मना किया। इस दौरान यह निर्णय लिया कि अगर अब दारोगा महिला के घर पहुंचे तो महिला का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। ग्रामीणों के इस निर्णय के बाद संबंधित महिला का हुक्का पानी बंद होने की आशंका दिखने लगी है।
बताया जाता है कि बीते गुरुवार की रात कुचायकोट थाने में पदस्थापित दारोग प्रदुमन सिंह सिरिसिया गांव निवासी एक घर में पहुंचे थे। इस दौरान ग्रामीणों को इसकी भनक लग गई। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने बंडी तथा लुंगी पहने दारोगा को पकड़ कर बंधक बनाया लिया। इस दौरान महिला के साथ आपत्तिजनक संबंध होने को लेकर दारोगा के साथ हाथापाई भी की गई। बताया जाता है कि तब दारोगा के माफी मांगने तथा फिर महिला के घर नहीं आने की बात कहने पर ग्रामीणों ने उन्हें मुक्त कर दिया। बाद में इस घटना की जानकारी होने पर एसपी ने दारोगा को निलंबित कर दिया। हालांकि इस घटना के बाद महिला ने कुछ ग्रामीणों पर प्राथमिकी दर्ज करा दी। जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने रविवार को स्थानीय मुखिया धर्मेंद्र मिश्रा की अध्यक्षता में बैठक का महिला को दारोगा को अपने घर बुलाने से मना किया। ग्रामीणों का कहना था कि अभी भी इस महिला का दारोगा से संपर्क बना हुआ है। दारोगा के कहने पर महिला ग्रामीणों को झूठे मुकदमें में फंसाने की धमकी दे रही है। जिससे गांव का माहौल बिगड़ रहा है। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अगर महिला के घर अब दारोग पहुंचे तो महिला का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। बैठक में मुखिया के अलावे सरपंच सरपंच रामाश्रय मिश्र सहित काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।