हत्याकांड के 15 आरोपियों को आजीवन कारावास

Wed, 29March 2017
मांझा थाना क्षेत्र के डोमाहाता गांव में करीब सात साल पूर्व एक व्यक्ति की हुई हत्या के मामले में अष्टम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शोभाकांत मिश्र के न्यायालय ने 15 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सजा सुनाए जाने के बाद आरोपियों को सजा काटने के लिए चनावे स्थित मंडल कारा भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार मांझा थाना क्षेत्र के डोमाहाता गांव के दयानंद यादव ने अपने ही गांव के ललन यादव की पुत्री आशा देवी के साथ प्रेम विवाह किया था। इस प्रेम विवाह के कारण उनका विवाद ललन यादव तथा वकील यादव के परिवार के लोगों के बीच चल रहा था। बताया जाता है कि 13 मार्च 2010 को अपने ही गांव की लड़की के शादी किए जाने पर आक्रोशित वकील यादव तथा ललन यादव सहित 15 की संख्या में लोग दयानंद यादव के दरवाजे पर पहुंच गए तथा उन्हें कमरे से खींचकर आंगन में लाया। आंगन में लाने के बाद दयानंद यादव की जमकर पिटाई की गई। जिससे उनकी मौत हो गई। हद तो तब हो गई जब हत्या को अंजाम देने वाले लोगों ने दयानंद यादव के शव को अपने कब्जे में ले लिया तथा ललन यादव के घर के समीप शव को लेकर उसे जलाने का प्रयास किया। घटना की सूचना मिलने के बाद मांझा थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गई तथा मृतक के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। उधर इस घटना को लेकर दयानंद यादव की पत्नी आशा देवी ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसमें वकील यादव तथा ललन यादव सहित 15 लोगों को आरोपी बनाया गया। इस आपराधिक मामले में आरोप पत्र आने के बाद सत्र न्यायालय में वर्ष 2010 में ही सुनवाई प्रारंभ हुई। कांड की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आलोक में एडीजे आठ के न्यायालय ने कांड में नामजद सभी 15 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में सरकार की ओर से एपीपी रमन चंद्र मिश्रा तथा बचाव पक्ष से अबू शमीम ने न्यायालय में मंगलवार को अंतिम बहस किया।
इन आरोपियों को मिली सजा
दयानंद यादव हत्याकांड में मांझा थाना क्षेत्र के डोमाहाता गांव के वकील यादव के अलावा रामजी यादव, ललन यादव, भोला यादव, सरल यादव, कृष्णा यादव, विजय यादव, साधु यादव, ध्रुव यादव, बैजनाथ यादव, सत्यनारायण यादव, लक्ष्मण यादव, सुखल यादव, देवता यादव तथा रामाधार यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
मृत युवक के ससुर पर एक लाख जुर्माना
चर्चित दयानंद यादव हत्याकांड में प्रेम प्रसंग बड़ा कारण था। प्रेम प्रसंग में उसने अपने ही गांव के ललन यादव की पुत्री आशा के साथ शादी रचाई थी। इसी बात की रंजिश ललन यादव को थी। उन्होंने अन्य लोगों के साथ मिलकर हत्या की घटना को अंजाम दिया। हद तो यह कि दयानंद यादव की हत्या के बाद उनके शव को उठाकर अपने घर के समीप ले जाने के बाद ललन यादव ने उसे जलाने का प्रयास किया। न्यायालय ने पूरे मामले की सुनवाई के दौरान मृतक दयानंद यादव के ससुर ललन यादव को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास के साथ ही एक लाख रुपया जुर्माना भरने की भी सजा सुनाई।

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