हत्या के आरोप में ससुर गए जेल, एक साल बाद मायके में जिंदा मिली बहू

Sun, 25Dec 2016

ससुर पर बहू की हत्या का आरोप लगा। पुलिस ने अनुसंधान में घटना को सत्य पाया। ससुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। अब करीब एक साल बाद बहू अपने मायके में जिंदा मिली है।
मामला गोपालगंज के बुजुर्ग विक्रमा पाल से जुड़ा है। वे खुद को लगातार बेकसूर कहते रहे, लेकिन किसी ने एक न सुनी। पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया। हद तो यह है कि पुलिस ने अपने अनुसंधान में कांड को सत्य पाते हुए उनके खिलाफ आरोप पत्र भी समर्पित कर दिया।
बहू की हत्या की सजा काट रहे बुजुर्ग विक्रमा पाल की लाइफ में ट्विस्ट तब आया, जब घटना के करीब एक साल बाद अचानक बहू मंजू जिंदा सामने आ गयी। पुलिस ने कथित रूप से मृत घोषित की गयी बहू को उसके मायके से ही बरामद कर लिया। बरामद महिला को कोर्ट में बयान भी दिया।
जानकारी के अनुसार, उत्तरप्रदेश के कुशीनगर जिले के खामपार थाना क्षेत्र के परोहा उत्तर टोला गांव के सत्यनारायण पाल ने अपनी पुत्री मंजू देवी की शादी विक्रमा पाल के पुत्र गुड्डू पाल के साथ वर्ष 2013 में की थी। शादी के बाद मंजू अपने ससुराल गयी।
गत वर्ष मार्च माह में सत्यनारायण पाल ने मंजू देवी की दहेज में बाइक के लिए हत्या किए जाने के आरोप में अपने दामाद गुड्डू पाल व समधी विक्रमा पाल सहित तीन लोगों के विरुद्ध नगर थाने में एफआइआर दर्ज करायी।
पुलिस ने आरोपी ससुर विक्रमा पाल को 21 मार्च 2015 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने गिरफ्तार विक्रमा पाल के विरुद्ध 21 जुलाई को आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया। आरोप पत्र के आलोक में न्यायालय ने आरोपी के विरुद्ध संज्ञान भी ले लिया। बाद में हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद विक्रमा जेल से बाहर आए।
इसके बाद नगर थाना पुलिस को सूचना मिली कि मंजू देवी अभी जिंदा है और अपने मायके में रह रही है। इसके बाद नगर थाना के दारोगा बालेश्वर पासवान ने मंजू के मायके में छापामारी कर उसे जिंदा बरामद कर लिया। उसके जिंदा मिलने के बाद इस कथित दहेज हत्या के अनुसंधान को लेकर पुलिस पर सवाल उठने लगे हैं।

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