Thu, 01Dec 2016
शस्त्र अधिनियम के एक मामले में एसीजेएम नवम के न्यायालय ने कांड के एकमात्र नामजद आरोपी को दोषी पाते हुए उसे तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार मांझा थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष कुमार संजय ने गुप्त सूचना के आधार पर थाना क्षेत्र के भोजपुरवां गांव में वर्ष 2011 में नुरैन मियां के घर पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी के दौरान पुलिस ने नुरैन मियां को दो लोडेड देशी पिस्तौल के साथ गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष कुमार संजय के बयान पर मांझा थाने में कांड संख्या 99/2011 प्राथमिकी दर्ज की गई। इस चर्चित कांड में आरोप पत्र आने के बाद सुनवाई प्रारंभ की गई। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आलोक में एसीजेएम नवम के न्यायालय ने कांड के नामजद आरोपी नुरैन मियां को दोषी करार देते हुए उसे तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में सरकार की ओर से एपीओ प्रमोद कुमार ने न्यायालय में अंतिम बहस की।
शस्त्र अधिनियम के एक मामले में एसीजेएम नवम के न्यायालय ने कांड के एकमात्र नामजद आरोपी को दोषी पाते हुए उसे तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार मांझा थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष कुमार संजय ने गुप्त सूचना के आधार पर थाना क्षेत्र के भोजपुरवां गांव में वर्ष 2011 में नुरैन मियां के घर पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी के दौरान पुलिस ने नुरैन मियां को दो लोडेड देशी पिस्तौल के साथ गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष कुमार संजय के बयान पर मांझा थाने में कांड संख्या 99/2011 प्राथमिकी दर्ज की गई। इस चर्चित कांड में आरोप पत्र आने के बाद सुनवाई प्रारंभ की गई। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आलोक में एसीजेएम नवम के न्यायालय ने कांड के नामजद आरोपी नुरैन मियां को दोषी करार देते हुए उसे तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में सरकार की ओर से एपीओ प्रमोद कुमार ने न्यायालय में अंतिम बहस की।