Sun, 19 Jun 2016
व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता बागेश्वरी तिवारी के निधन की खबर आने के बाद शनिवार को अधिवक्ताओं ने खुद को न्यायिक कार्य से अलग रखा। वकीलों के न्यायालयों में कार्य नहीं करने के कारण न्यायालय का कामकाज शनिवार को पूर्ण रूप से ठप रहा। वकीलों के कोर्ट में नहीं आने के कारण न्यायिक पदाधिकारी भी अपने कार्यालय कक्ष में ही सिमट कर रह गए।
शनिवार की सुबह साढ़े छह बजे तक अधिवक्ता न्यायालय में पहुंचे तो उन्हें व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता बागेश्वरी तिवारी के निधन की खबर मिली। खबर आने के साथ ही अधिवक्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई। वकीलों ने अधिवक्ता के निधन के बाद कोर्ट का कार्य नहीं करने का निर्णय लिया। जिसके कारण न्यायालयों में कोई भी काम नहीं हो सका। न्यायिक पदाधिकारी भी निर्धारित समय पर कोर्ट में पहुंचे, लेकिन वकीलों के कोर्ट में नहीं आने के कारण कामकाज ठप रहा। जिला विधिज्ञ संघ की ओर से अधिवक्ता के निधन के बाद दिन के नौ बजे वकालतखाना परिसर में शोकसभा का आयोजन कर मृत आत्मा की शांत के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। इधर अधिवक्ता के निधन से शनिवार को कोर्ट का काम नहीं होने के कारण दूर दराज के इलाकों से कोर्ट के काम के लिए पहुंचे लोगों को भी परेशानियों से जूझना पड़ा। सैकड़ों की संख्या में कोर्ट के काम से आने वाले लोग निराश होकर अपने घरों को लौट गए।