Sun, 17 Apr 2016
संध्या की बेला पर गर्मी की तपिश कुछ कम हो गयी थी। इसी समय थावे का होमगार्ड मैदान रोशनी से जगमगा उठी। तभी हजारों दर्शकों की मौजूदगी में थावे महोत्सव के लिए बनाए गए भव्य मंच पर गया जिले से आए कलाकार अपने हाथ में बढ़े बढ़े दीप लिये थावे महोत्सव में पहली बार महाआरती की प्रस्तुति करने पहुंचे थे। इस महाआरती में भक्ति कर रस था तो थावे की गौरव गाथा की भी झलक देखने को मिली। गया से पहुंचे कलाकारों ने बेहतर अंदाज में महा आरती कार्यक्रम प्रस्तुत कर दर्शकों की वाहवाही बटोरी। कार्यक्रम के दौरान दर्शकों का भी पूरा साथ कलाकारों को मिला।
थावे महोत्सव में शुक्रवार की संध्या के समय थावे के होमगार्ड मैदान में बनाए गये भव्य पंडाल में महा आरती का कार्यक्रम आयोजित किया गया। पिछले चार साल से आयोजित किये जा रहे महोत्सव कार्यक्रम में पहली बार महाआरती को शामिल किया गया। आरती का शुभारंभ गया से पहुंचे कलाकारों ने बेहतर अंदाज में किया। हाथ में बड़े-बड़े दीप को उठाए कलाकारों ने काफी बेहतर अंदाज में पूरी श्रद्धा के साथ आरती कर लोगों मन मोह लिया। इस दौरान 'जय अंबे, जय जगदंबे मइया, हम सब उतारे तेरी आरती..' जैसे ही कलाकारों ने गाना शुरू किया पंडाल में मौजूद दर्शक भी खड़े होकर कलाकारों का साथ देने लगे। महाआरती में 'जय अंबे गौरी, जय श्यामा गौरी..', 'गोविंद बोलो, हरि गोपाल बोलो..' जैसे गीतों से पूरे माहौल में भक्ति कर रस घुल गया। करीब चालीस मिनट तक महाआरती हुई। महाआरती बाद कला एवं संस्कृति मंत्री सह जिला प्रभारी मंत्री शिवचन्द्र राम ने कलाकारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
विलंब से प्रारंभ हुआ कार्यक्रम
रामनवमी को लेकर कुछ स्थानों पर हुई घटनाओं के कारण महोत्सव का उद्घाटन कुछ विलंब से हुआ। देर से कार्यक्रम प्रारंभ होने के कारण कई कलाकारों को प्रस्तुति के लिए कुछ कम समय मिला।
देर रात तक जमे रहे अधिकारी
थावे महोत्सव के पहले दिन उद्घाटन समारोह के प्रारंभ से लेकर देर रात्रि तक कार्यक्रम के समापन तक अधिकारी पंडाल में जमे रहे। जिला प्रभारी मंत्री भी काफी देर तक कार्यक्रम का आनंद लेते रहे। इस मौके पर विधायक मिथिलेश तिवारी के अलावा एडीएम विभागीय जांच हेमंत नाथ देव, एसडीओ मृत्युंजय कुमार, डीआरडीए निदेशक धनन्जय कुमार, जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी रजनीश कुमार राय, जिला आपूर्ति पदाधिकारी कृष्ण मोहन प्रसाद, जिला पंचायती राज पदाधिकारी शंभू नाथ के अलावा सिविल सर्जन सहित कई पदाधिकारी भी कार्यक्रम में समापन के समय तक महोत्सव में मौजूद रहे।
कलाकारों ने बांधा समां, झूमर पर झूमे लोग
थावे महोत्सव में पंजाब, गुजरात से लेकर उत्तर प्रदेश के कलाकारों ने अपने अपने प्रदेश का लोक नृत्य पेश किया। गुरुवार की शाम से देर रात तक कलाकारों ने ऐसी समां बांधी की लोग उसी में गोता लगाते रहे। इस दौरान पंजाब के कलाकारों ने गटका पर लोगों में जोश भर दिया तो उत्तर प्रदेश के कलाकारों की झूमर नृत्य के साथ लोग भी झूमने लगे। थावे महोत्सव मे पहली बार कई प्रदेशों का लोक नृत्य देखने को मिला। इस दौरान गुजरात, असम, पंजाब तथा उत्तरप्रदेश के कलाकारों ने अपने अपने प्रदेश के लोक नृत्य पेश कर थावे महोत्सव में सतरंगी रंग बिखेर दिया।
थावे महोत्सव में कार्यक्रम की शुरुआत महाआरती से की गयी। इसके बाद पंजाब से आए कलाकारों ने गटका नृत्य प्रस्तुत किया। पंजाब से सतपाल सिंह एण्ड ग्रुप की प्रस्तुति के दौरान 'शत श्री अकाल, बोले सो निहाल' के बोल बार-बार गूंजते रहे। इस कार्यक्रम की प्रस्तुति के दौरान मार्शल आर्ट को भी कलाकारों ने बेहतर व मनमोहक अंदाज में प्रस्तुत कर वाहवाही बटोरी। कार्यक्रम के दौरान सतपाल सिंह ने एक लड़के के सिर पर फल रख आंख पर पट्टी बांधकर उसे तलवार से एक ही झटके में काट दिया। इस प्रस्तुति की लोगों ने सराहना की। करीब आधे घंटे के इस कार्यक्रम के दौरान गटका नृत्य को लोगों ने देखने के बाद इसकी सराहना की। बावजूद इसके कई लोग इस कार्यक्रम को लेकर लोगों में अन्य कार्यक्रमों की तरह उत्साह नजर नहीं आया। इसके पीछे एकमात्र कारण स्थानीय लोगों में पंजाबी की कम समझ रही।
'पीपर के छांव, अंगनवां कैसे बहारु जी.'
महोत्सव के पहले दिन उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद से पहुंची आनंद किशोर की टीम ने डेढि़या नृत्य का कार्यक्रम प्रस्तुत किया। डेढि़या नृत्य की शुरुआत 'बड़े भाग्य आए श्रीराम, आरती उतारे..' से हुई। इस कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने सिर पर दीप व मटका रखकर बेहतर अंदाज में मनमोहक नृत्य पेश किया। डेढि़या के अगले चरण में 'पीपर के छांव, अंगनवां कैसे बहारु जी..' नामक झूमर की प्रस्तुति की गयी। झूमर के दौरान कलाकारों ने नए अंदाज में भाव नृत्य पेश किया।
गुजरात के कलाकारों ने पेश किया गरबा
थावे महोत्सव में नवरात्र के दौरान गुजरात में आयोजित होने वाले गरबा नृत्य की प्रस्तुति की गयी। नवरात्र के अंतिम दिन महोत्सव में पहुंचे अहमदाबाद के महेन्द्र भाई जोशी व दक्षाबेन जोशी के सोनल गरबा समूह ने रोचक अंदाज में इसकी प्रस्तुति की। इस प्रस्तुति के दौरान नोंक-झोंक काबिले तारीफ रही।