जिले के शहरी व ग्रामीण इलाकों से वाहन चोरी का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हालत यह है कि वाहन चोरों के आगे नगर थाने की पुलिस लाचार सी बन गयी है। वाहन चोरों का पता नहीं लगा पाने से अब पुलिस की कार्यप्रणाली पर लोग उंगली उठाने लगे हैं। आलम यह है कि चोर किसी न किसी इलाके में प्रतिदिन वाहन उड़ा ले जा रहे हैं। सरकारी कर्मियों तक वाहन चोरों के निशाने पर हैं। बीते साल 90 से अधिक वाहन पर चोर हाथ साफ कर चुके हैं। लेकिन पुलिस पिछले एक माह में शायद ही किसी वाहन चोर का गिरेबान पकड़ने में सफल हुई है।
जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेट गेट से लेकर अस्पताल चौक तथा डाकघर चौक से लेकर चिराई घर के बीच भी वाहन सुरक्षित नहीं है। इस साल अभी तक अकेले इसी क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक वाहनों चोरी की घटना हो चुकी है। पूरे जिले के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्तमान वर्ष में 90 से भी अधिक वाहनों को चोर उड़ा चुके हैं। दो-चार मामलों को छोड़ अधिकांश मामलों का उद्भेदन कर पाने में पुलिस अबतक विफल रही है। जिला मुख्यालय ही नहीं, सुदूर ग्रामीण इलाकों में भी वाहन चोरी की घटनाएं बढ़ती जा रही है। हद तो यह कि कई वाहन चोरी के मामलों में आरोपियों का पता लगा पाने में विफल रहने पर पुलिस घटना को सत्य, लेकिन सूत्रहीन बताकर कांड को हमेशा के लिए बंद करने में भी पीछे नहीं हटती। ऐसे में कई चोरी के मामले पुलिस की फाइलों में ही दफन होकर रह जाते हैं।