शहर की सड़कों पर सज रही दुकानें

कहने को तो जिला मुख्यालय को नगर परिषद का दर्जा प्राप्त है। लेकिन यहां की सड़कें अतिक्रमण की पेंच में फंस चुकी हैं। स्थिति यह कि यहां की अधिकांश दुकानें सड़क पर ही सजती हैं। फुटपाथी दुकानदारों का अतिक्रमण हटाने का अभियान अबतक सिर्फ दिखावा ही साबित हुआ है।

वैसे गोपालगंज को जिला का दर्जा 2 अक्टूबर 1973 को मिला था। तब गोपालगंज एनएससी एरिया में आता था। समय के साथ इसे नगर पंचायत व नगर परिषद का दर्जा मिला। सड़कें भी चौड़ी हुई। लेकिन सड़कों पर अतिक्रमण से यहां के लोगों को निजात नहीं मिल सकी। यह स्थिति जिला मुख्यालय की सिर्फ एक सड़क की नहीं है। हरेक प्रमुख पथ से लेकर संपर्क पथ तक की दशा एक समान ही है। हालत यह है कि कलेक्ट्रेट पथ पर ही अतिक्रमण सरेआम दिखता है। इस मार्ग से होकर हर दिन जिले के वरीय पदाधिकारियों का आना-जाना होता है। लेकिन अतिक्रमण किसी भी मार्ग से अबतक नहीं हट सका है।

दिखावे का अभियान

सड़कों पर अतिक्रमण हटाने के दिशा में कई बार अभियान चला है। करीब डेढ़ दशक पूर्व तो फुटपाथी दुकानों को मुख्य सड़क से हटाने के बाद उन्हें सरकारी स्तर पर रियायती दर पर दुकानें भी आवंटित की गयी थीं। लेकिन अधिकांश दुकानों ने पूर्व में आवंटित दुकानों को बेचकर दोबारा पुराने स्थानों पर अपनी दुकानें लगा दी हैं। पिछले एक दशक से जो भी अभियान अतिक्रमण हटाने का चला है, वह दिखावे का ही बनकर रह गया है।

कहां कितना अतिक्रमण का जोर

कलेक्ट्रेट पथ

वैसे तो इस पथ को नो पार्किंग जोन घोषित किया गया है। लेकिन यहां गाड़ियां आज भी खड़ी होती हैं। इतना ही नहीं ठेला व खोमचा वालों के कारण इस मार्ग पर सुबह आठ बजे से शाम के छह बजे तक अतिक्रमण का जोर दिखता है।

जादोपुर पथ

शहर की प्रमुख सड़कों में से एक जादोपुर पथ की टू लेन सड़क में से एक लेन पर दुकानदारों व वाहनों का कब्जा रहता है। दुकानदार इसी सड़क पर अपनी दुकानें लगाते हैं। जो स्थान खाली रहता है उसमें मोटरसाइकिलों से लेकर चारपहिया वाहन खड़े होते हैं।

मेन रोड

डाकघर चौक से अम्बेडकर चौक के बीच कई स्थानों पर अतिक्रमण दिखती है। स्पेयर पार्टस की दुकानों से लेकर फल दुकानें इस मार्ग पर सजती हैं। ऐसे में हर दिन जाम की समस्या से लोगों को जूझने को विवश होना पड़ता है।

पुरानी चौक

पुरानी चौक पथ में सुबह से लेकर शाम तक जाम की स्थिति बनी रहती हैं। इस मार्ग पर स्थित करीब नब्बे प्रतिशत दुकानें सड़क तक फैली होने के कारण जाम की स्थिति रहती है। इस मार्ग के अलावा घोष मोड़, अस्पताल चौक रोड तथा बंजारी पथ के कुछ हिस्से में जाम एक बड़ी समस्या है। यह स्थिति सिर्फ अतिक्रमण के कारण पैदा होती है।

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