हत्या के प्रयास के एक मामले में अष्ठम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शोभाकांत मिश्रा के न्यायालय ने शुक्रवार को दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें पांच-पांच साल के सश्रम कारावास तथा दो-दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी है। सजा सुनाए जाने के बाद दोनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार करीब पंद्रह साल पूर्व 24 जून 2000 को उचकागांव थाना क्षेत्र के गुरम्हा गांव में खेत का डंडार काटे जाने के विवाद को लेकर कुछ लोगों ने जमादार चौधरी तथा उनके दो पोते अनुज यादव तथा प्रमोद यादव पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था। घटना को लेकर घायल जमादार चौधरी के बयान पर थाने में कांड संख्या 73/2000 प्राथमिकी दर्ज की गयी। जिसमें इसी गांव के देवराज चौधरी तथा जितेन्द्र चौधरी को नामजद अभियुक्त बनाया गया। इस आपराधिक मामले में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद सत्र न्यायालय में सुनवाई शुरु हुई। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किये गये साक्ष्य के आलोक में अष्ठम जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कांड में नामजद दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें पांच-पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनायी। इस मामले में सरकार की ओर से एपीपी जयराम साह तथा बचाव पक्ष से अवधेश मणि ने न्यायालय में अंतिम बहस किया।