आलू को तेजाब के पानी से बनाया जा रहा नया

आप भी यकीन नहीं करेंगे, लेकिन बात सोलह आना सच है. पुराने आलू को नया लुक देने  के लिए तेजाब का पानी मिलाया जा रही है, जो सेहत के लिए खतरनाक है. कारोबारी आलू को तेजाब के पानी से तैयार कर रहे हैं, ताकि महंगे मूल्य पर बेचा जा सके. मुनाफे को अपना धर्म और मोक्ष मानने वालों ने आलू को भी तेजाबी बना दिया.

हालांकि यहां की मंडी में पंजाब से रोज दो से तीन ट्रक नया आलू आ रहा है. लिहाजा इसकी गुंजाइश यहां कम है, पर नया जैसा दिखने वाला आलू  स्वाद बदलने के लिए नया आलू जरूर खाएं, पर भरोसेमंद दुकानदार से ही खरीद कर. कारोबारियों के अनुसार नये आलू को रगड़ने पर उसका छिलका पूरी तरह उतर जाता है.

अगर ये तेजाब के पानी से तैयार है, तो छिलका पूरी तरह नहीं उतरेगा. कुछ हिस्सा छिल्लका पूरी तरह नहीं उतरेगा. कुछ हिस्से का छिलका उतारने के लिए इसे छीलना ही पड़ेगा. अपेक्षाकृत इसमें कुछ दाग धब्बे भी रहेंगे. 

ढीली पड़ी पुराने आलू की अकड़ : पंजाब से आलू की नयी फसल आनी शुरू हो गयी है. दो -तीन दिन पहले थोक भाव 1800 रुपये क्विंटल थे. आवक बढ़ने के साथ ही दाम घट कर 1200-1300 रुपये तक आ गये. आवक की वजह से पुराने की अकड़ कम होने लगी है. पिछले हफ्ते बोआई की मांग निकलने से पुराने आलू के भाव 950 से 1300  रुपये क्विंटल तक पहुंच गये थे.

मौजूदा भाव 1200 रुपये है. कारोबारी जय सिंह और राम सिंह के अनुसार संभव है भाव इसी स्तर पर स्थिर रहे. पूरे साल आलू बेभाव रहा. भाव की बाबत मुकम्मल तौर पर छठ के बाद गिरा है. किसान भी तेजी से आलू की बोआई में जुटे हुए हैं.

 प्याज की तेजी पर ब्रेक

नयी फसल की आवक बढ़ने के साथ ही प्याज के भाव में नरमी आयी है. चार माह में थोक प्रति क्विंटल भाव 6200 रुपये से घट कर गुणवत्ता और साइज के अनुसार 1750 -2500 रुपये तक आ गये हैं.

छह माह पूर्व भी यही भाव थे. प्याज की आवक इस समय नासिक और इंदौर की मंडी से हो रही है. बाजार के जानकारों के मुताबिक आपूर्ति बनी रही, तो दाम स्थिर रहेंगे. थोड़ी-बहुत तेजी दीपावली और छठ के दौरान आपूर्ति की कमी के ही नाते संभव है.

Ads:






Ads Enquiry