पानी के अभाव में धान की फसल मारी गयी। अब गेहूं के सिजन में भी सरकारी नलकूप किसानों को रुलाने के लिए तैयार बैठे हैं। प्रखंड क्षेत्र में खेतों की सिंचाई के लिए कई सरकारी नलकूप लगाए गए हैं। लेकिन इनमें से अधिकांश नलकूप खराब पड़े हुए हैं। इन्हीं में से एक है गम्हारी पंचायत में लगा सरकारी नलकूप लाखों रुपये की लागत से लगा यह नलकूप सालों से बंद पड़ा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि जब से यह बोरिंग बनकर तैयार हुआ है, तभी से बंद पड़ा हुआ है। इस नलकूप से किसानों को आज तक कोई फायदा नहीं हुआ। वे कहते हैं कि अगर यह नलकूप चालू कर दिया जा तो दर्जनों गांवों के किसानों की सिंचाई की समस्या दूर हो जाएगी। लेकिन इस तरफ विभागीय पदाधिकारी ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। ऐसा तक है जबकि इस नलकूप के लिए ट्रांसफार्मर से लेकर सभी सुविधाएं पहले से ही उपलब्ध है। इसके बाद भी यह बंद पड़ा हुआ है। कुछ ऐसी ही स्थिति मीरा टोला स्थित सरकारी नलकूप की भी है। किसान बताते हैं कि सरकारी नलकूप बंद पड़े होने से इस इलाके के किसान सिंचाई के लिए मौसम पर ही निर्भर बन कर रह गए हैं।