उग्र लोगों ने कुचायकोट थानाध्यक्ष पर किया हमला

कुचायकोट थाना क्षेत्र के ढोढवलिया गांव के सामने शुक्रवार की देर शाम एनएच 28 पार कर रहे ग्रामीण को एक ट्रक ने रौंद दिया। जिससे ग्रामीण की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने ट्रक चालक को पकड़ कर उसकी पिटाई शुरू कर दी। इस बीच सूचना मिलने पर पुलिस के साथ पहुंचे थानाध्यक्ष अवधेश कुमार पर उग्र ग्रामीणों ने हमला बोल दिया। ग्रामीणों ने थानाध्यक्ष को जमकर पीट दिया। इस बीच किसी तरफ थानाध्यक्ष जान बचाकर भागे। लेकिन पैर फिसलने से वे गिर पड़े। इसके बाद फिर ग्रामीणों ने उन्हें पकड़ कर पीटना शुरू कर दिया। जिससे थानाध्यक्ष गंभीर रूप से घायल हो गए। इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रही। हालांकि तभी कुछ स्थानीय लोगों ने थानाध्यक्ष को ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ा लिया। थानाध्यक्ष से इस घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची आधा दर्जन थाना पुलिस ने स्थित पर नियंत्रण पाया। घायल थानाध्यक्ष का इलाज उनके आवास पर चिकित्सकों को बुलाकर किया गया। इस घटना को लेकर थाना में प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही थी।
बताया जाता है कि ढोढवलिया गांव निवासी 65 वर्षीय दरोगा सिंह गांव के सामने एनएच 28 पार कर रहे थे। तभी उत्तर प्रदेश की तरफ से आ रहे एक ट्रक ने उन्हें रौंद दिया। जिससे मौके पर ही वृद्ध की मौत हो गई। इस घटना की जानकारी होने पर घटनास्थल पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई तथा ग्रामीण सड़क जाम कर ट्रक चालक को पकड़ कर पीटने लगे। इसी बीच सूचना मिलने पर कुछ दूरी पर एनएच 28 पर वाहन चे¨कग अभियान चला रहे थानाध्यक्ष अवधेश कुमार पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गए तथा ग्रामीणों को समझाते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की बात कही। तभी भीड़ में मौजूद कुछ लोग भड़क गए तथा थानाध्यक्ष को पीटने लगे। बताया जाता है कि हमला होने पर थानाध्यक्ष वहां से जान बचाकर भागे। लेकिन तभी पैर फिसल जाने से वे गिर पड़े। उनके गिरते ही उग्र लोग उन्हें पकड़ कर फिर पीटने लगे। हालांकि कुछ स्थानीय लोगों ने थानाध्यक्ष को किसी तरह लोगों के चंगुल से छुड़ाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इसी बीच थानाध्यक्ष ने इस घटना की सूचना वरीय पदाधिकारियों को दी। सूचना देने के कुछ देर बाद मौके पर पहुंची आधा दर्जन थानों की पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण पाया। बाद में हमले में घायल थानाध्यक्ष को उनके आवास पर पहुंचाया गया तथा आवास पर ही चिकित्सक को बुलाकर उनका इलाज कराया गया। पुलिस ने ट्रक के चालक उत्तर प्रदेश के बाराबंकी निवासी सुनील कुमार को हिरासत मे ले लिया है। समाचार लिखे जाने तक थानाध्यक्ष पर हमला करने को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही थी।

कहीं साजिश के तहत तो नहीं किया गया थानाध्यक्ष पर हमला

कुचायकोट थाना क्षेत्र के ढोढवलिया गांव के पास सड़क दुर्घटना के बाद उग्र भीड़ द्वारा कुचायकोट थानाध्यक्ष अवधेश कुमार की पिटाई करने के मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। थानाध्यक्ष पर भीड़ द्वारा किया गया हमला महज ग्रामीणों के आक्रोश का नतीजा या कोई सोची समझी साजिश, यह तो पुलिस की जांच के बाद ही सामने आ सकेगा। लेकिन अगर कुछ स्थानीय लोगों ने हस्तक्षेप कर थानाध्यक्ष की मदद नहीं की होती तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था। सवाल उन पुलिस कर्मियों पर भी भी उठ रहे हैं जो थानाध्यक्ष के साथ मौके पर पहुंचे थे। लेकिन जब थानाध्यक्ष पर लोग हमला कर रहे थे तो उन्होंने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? इस घटना के बाद लोगों के बीच चल रही चर्चाओं में अब शक की सुई शराब माफिया की तरफ भी उठने लगी है। हालांकि ग्रामीणों के बीच चल रही इन चर्चाओं की भनक पुलिस को भी है। पुलिस इन सभी पहलुओं की जांच पड़ताल कर रही है।
बताया जाता है कि कुचायकोट थानाध्यक्ष शराब कारोबारियों के खिलाफ काफी सक्रिय थे। बीते सोमवार को भी उन्होंने बलथरी चेकपोस्ट के पास से पंजाब से बिहार लाई जा रही शराब की एक बड़ी खेप पकड़ी थी। शुक्रवार की शाम को भी थानाध्यक्ष ने पंजाब से कंटेनर में भरकर बिहार लाई जा रही शराब की बड़ी खेप जब्त की थी। थानाध्यक्ष शराब माफिया स्थानीय नेटवर्क पर भी काम कर रहे थे। बताया जाता है कि शुक्रवार की देर शाम भी थानाध्यक्ष शराब कारोबारियों के खिलाफ अभियान पर निकले थे। तभी ढोढवलिया गांव के पास एनएच 28 पर एक ट्रक की चपेट में आने से एक ग्रामीण की मौत हो गई। घटनास्थल के कुछ दूर पर ही थानाध्यक्ष कंटेनर से सात हजार से अधिक शराब की बोतल जब्त कर आगे की कार्रवाई कर रहे थे। तभी उन्हें इस हादसे की जानकारी मिली और वे पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गए। मौके पर पहुंच कर थानाध्यक्ष ने लोगो को समझाते हुए मृतक शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की तैयारी कर रहे थे। तभी लोगों की भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने अचानक थानाध्यक्ष पर हमला कर दिया। ऐसे में थानाध्यक्ष पर हमले को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं। शक की सुई शराब माफिया की तरफ भी उठ रही हैं। हालांकि थानाध्यक्ष पर हमला लोगों के आक्रोश का नतीजा था या हमला करने की साजिश रची गई थी, इसका खुलासा तो पुलिस की जांच पड़ताल के बाद ही हो सकेगा।

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