Tue, 19 Apr 2016
सोमवार को भी न्यायालय परिसर में लोगों की भीड़ थी। कोई अपने अधिवक्ता के साथ कोर्ट की तरफ जा रहा था तो कई लोग अपने केस मुकदमे को लेकर अपनों से चर्चा में मशगूल दिखे। लेकिन छपरा न्यायालय परिसर में बम ब्लास्ट के बाद भी यहां सुरक्षा की व्यवस्था पुराने ढर्रे पर ही नजर आयी। न्यायालय परिसर में मात्र गिनती के ही कुछ पुलिस कर्मी नजर आए। यहां न्यायिक पदाधिकारियों को सुरक्षा के लिए अंगरक्षक उपलब्ध तो कराये गये हैं, लेकिन न्यायालय परिसर में आने वाले लोगों की सुरक्षा के इंतजाम नजर नहीं आए।
आठ गेट पर सुरक्षा नगण्य
व्यवहार न्यायालय में प्रवेश व निकास के लिए कुल आठ गेट बनाए गये हैं। इनमें से दो-तीन गेट निर्धारित अवधि में ही वाहनों के प्रवेश के लिए खुलते हैं। लेकिन इन गेटों पर भी सुरक्षा के इंतजाम दुरुस्त नहीं दिखते। अलावा इसके न्यायालय परिसर में मौजूद अन्य पांच गेट पर किसी भी जवान की तैनाती नहीं की जाती। हां सुरक्षा के नाम पर न्यायिक पदाधिकारियों के अंगरक्षक के रूप में तैनात जवानों की मौजूदगी जरुर दिखती है। अलावा इसके कारा से कैदियों के प्रोडक्शन के लिए तैनात सुरक्षा बल न्यायालय परिसर में दिखते हैं।
घटनाओं के बाद सतर्क होती है पुलिस
सूबे में कहीं भी न्यायालय परिसर में किसी तरह की भी घटना होने के बाद पुलिस जरुर सतर्क हो जाती है। घटनाओं के बाद दो-चार दिन तक न्यायालय में आने-जाने वालों की जांच जरुर की जाती है। उसके बाद फिर न्यायालय के गेट पर तैनात किये गये जवानों को हटा दिया जाता है। ऐसे में यहां की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगते हैं।
फास्ट ट्रैक कोर्ट के समीप हो चुकी है हत्या
व्यवहार न्यायालय परिसर में स्थित फास्ट ट्रैक कोर्ट के सामने अवर निबंधन पदाधिकारी के आवास के समीप यहां भी एक व्यक्ति की हत्या की घटना को अंजाम दिया जा चुका है। इस आपराधिक मामले का विचारण अब भी न्यायालय में चल रहा है। करीब दो साल पूर्व हुई इस घटना के बाद भी यहां की सुरक्षा व्यवस्था आजतक मुकम्मल नहीं हो सकी है।