अब एक बार फिर से खेलकूद का मौसम आ गया है। प्रखंड तथा जिले स्तर पर खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन करने की कवायद भी शुरू हो गयी है। लेकिन इन कवायद के बीच अभी भी जिले के खिलाड़ियों के साथ खेल ही चल रहा है। विद्यालय स्तर पर प्रतियोगिताएं हर साल आयोजित करने के बाद भी आज तक खेल मैदान व संसाधन बढ़ाने की तरफ ध्यान नहीं देना खिलाड़ियों पर भारी पड़ रहा है। ऐसे में बुनियादी सुविधाओं के अभाव में खिलाड़ियों की प्रतिभा प्रखंड व जिला स्तर तक ही सिमट कर रह जाती है। उन्हें न अच्छा प्रशिक्षक मिलता है और ना ही कोई साधन। ऐसे में जिले में इस खेल के विकास का आजतक कोई माहौल ही नहीं बन पाया है। खिलाड़ी बताते हैं कि खेल के विकास के लिए पहली जरुरत अच्छे खेल मैदान होते हैं। जिले में कहने को तो कई खेल मैदान हैं, लेकिन वहां बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हैं। खिलाड़ी कहते हैं कि शहर के बीचों बीच में मिंज स्टेडियम है। पहले यह स्टेडियम खेल प्रतियोगिताओं के लिए जाना जाता था। यहां पहले कई राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं हो चुकी हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों से यह स्टेडियम सरकारी कार्यक्रम आयोजित करने के लिए जाना जाता है। खिलाड़ियों की सुविधा के नाम पर यहां अब कुछ भी नहीं है। वे कहते हैं कि प्रशासन ने इस स्टेडियम के विकास के लिए कई बार योजनाएं बनाई। लेकिन आज तक इन योजनाओं को धरातल पर नहीं उतारा गया।