थावे: थावे मंदिर पर फिर हुआ हथुआ राज का आधिपत्य

थावे प्रखंड में स्थित ऐतिहासिक थावे मंदिर के स्वामित्व को लेकर हाइकोर्ट ने हथुआ राज के हक़ में फैसला सुनाया है और फिर से थावे मंदिर की सारी जिम्मेवारी हथुआ राज परिवार को सौप दी है ।
ज्ञात हो कि वर्ष 2014 में हथुआ राज की राज माता दुर्गेश्वरी प्रताप शाही ने उच्च न्यायालय में हथुआ राज के स्वामित्व व पूजा अर्चना को लेकर मुकदमा दायर किया था। जिसकी अंतिम सुनवाई शुक्रवार को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रवि रंजन ने करते हुए हथुआ राज के हक़ में फैसला सुनाया। कोर्ट ने अपने फैसले में बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के फैसले को पलट दिया है।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है की मंदिर के विकास व रख रखाव की सारी जिम्मेवारी हथुआ राज को होगी कोई अन्य बिना अनुमति के कोई भी कार्य नही करेगा । हथुआ राज परिवार को अपने कुलदेवी की पूजा करने की पूरी स्वतन्त्रता रहेगी इसमें किसी भी तरह का हस्तक्षेप नही किया जा सकता है। मंदिर के संचालन के लिए बनी कमेटी मंदिर में आये चढ़ावे की राशि को हथुआ राज से पूछने के पश्चात ही खर्च करने का हक़ रखेगी ।
वहीं मृगेन्द्र प्रताप शाही व पूनम शाही ने हाई कोर्ट के फैसले पर ख़ुशी जताते हुए कहा है की पूर्व में भी इस परिवार द्वारा मंदिर का विकास किया जाता रहा था और अब भी दुगने गति से इसका विकास किया जाएगा । मंदिर में आये श्रद्धालुओ का विशेष ध्यान रखा जाएगा जिससे उन्हें किसी भी परेशानी का सामना नही करना पड़े। जल्द ही थावे मंदिर भारत के सभी प्रसिद्ध मंदिरो की कतार में शामिल हो जाएगा।

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