हथुआ: छेड़खानी के दोषी शिक्षक को सात साल सश्रम कारावास

घर से पढ़ने के लिए गई पांचवीं कक्षा की एक स्कूली छात्रा के साथ छेड़खानी के मामले में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रंजन कुमार के न्यायालय ने आरोपी शिक्षक को दोषी करार देते हुए सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। सजा सुनाए जाने के बाद आरोपी शिक्षक को जेल भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार करीब दो साल पूर्व 24 जुलाई 2015 को मीरगंज थाना क्षेत्र के जिगना नारापट्टी गांव की एक दस साल की छात्रा घर से पढ़ने के लिए गांव के प्राथमिक विद्यालय में गई थी। शिक्षण कार्य के दौरान ही विद्यालय के प्रधानाध्यापक तथा मीरगंज थाना क्षेत्र के जिगना जगरनाथ गांव के निवासी विजय सिंह उर्फ झुनझुन बाबू छात्रा के वर्ग कक्ष में पहुंचे तथा उसे बुलाकर विद्यालय के रसोई घर की ओर ले गए। रसोई घर की ओर ले जाने के बाद शिक्षक ने छात्रा के साथ छेड़खानी की। शाम को जब छात्रा स्कूल से घर लौटी को पूरी घटना की जानकारी अपनी मां को दी। पीड़ित छात्रा की मां अपनी बेटी को साथ लेकर मीरगंज थाना पर पहुंची। लेकिन पुलिस ने उसे महिला थाना जाने की सलाह दी। अगले दिन छात्रा अपनी मां के साथ महिला थाना पहुंची। महिला थाने में छात्रा की मां के बयान पर कांड संख्या 45/2015 प्राथमिकी दर्ज की गई। जिसमें विद्यालय के प्रधानाध्यापक विजय सिंह को नामजद आरोपी बनाया गया। इस आपराधिक मामले में आरोप पत्र आने के बाद एडीजे प्रथम के न्यायालय में सुनवाई शुरू की गई। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आलोक में न्यायालय ने कांड के एकमात्र आरोपी विजय सिंह को दोषी करार देते हुए उन्हें पॉस्को एक्ट की धारा 9 (एफ) (एम) के तहत दोषी करार देते हुए सात साल के कारावास तथा 50 हजार रुपये अर्थदंड तथा पॉस्को एक्ट की धारा 7 व 8 में तीन साल के कारावास की सजा सुनाई। अर्थदंड की रकम अदा नहीं करने पर उन्हें छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इस मामले में सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक दरोगा सिंह द्वितीय तथा बचाव पक्ष से अभय कुमार सिंह ने न्यायालय में अंतिम बहस किया।

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